Indian Army Stern Warning: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुवि) की लापरवाही अब भारी पड़ सकती है। भारतीय सेना की वन एमपी आर्टी रेजीमेंट एनसीसी ने रादुवि की कार्यप्रणाली से परेशान होकर सीधे राज्यपाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और नैक (NAAC) को पत्र लिखते हुए 14 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुवि) की लापरवाही अब भारी पड़ सकती है। भारतीय सेना की वन एमपी आर्टी रेजीमेंट एनसीसी (Indian Army warning to NCC) ने रादुवि की कार्यप्रणाली से परेशान होकर सीधे राज्यपाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और नैक (NAAC) को पत्र लिखते हुए 14 दिन का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी साफ है यदि तय समय में बुनियादी सुधार नहीं किए गए, तो विश्वविद्यालय को एनसीसी यूनिट के लिए ब्लैकलिस्ट (NCC unit blacklist news) कर दिया जाएगा
यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप
एनसीसी कमांडिंग ऑफिसर विक्रांत त्यागी के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने एनसीसी के साथ हुए एमओयू (11 दिसंबर 2023) की शर्तों (NCC rules violation) का पालन नहीं किया। इसमें बुनियादी ढांचे से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारियां विश्वविद्यालय की थीं। लेकिन अब तक स्टोर रूम, IT सुविधा, परेड ग्राउंड, समर्पित कक्षा, झंडा अभ्यास क्षेत्र जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
कॉ. विक्रांत त्यागी ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने 25 मीटर शॉर्ट-रेंज फायरिंग सुविधा, जो एनसीसी के लिए अनिवार्य है, का इंतजाम नहीं किया। एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर (ANO) की नियुक्ति तक नहीं हुई है। इसके साथ ही एसएससीडी फंड का आवंटन भी अटका पड़ा है।
ब्लैकलिस्ट की प्रक्रिया शुरू करने की कही बात
रादुवि को पहले 31 जनवरी 2025 को शोकॉज नोटिस भेजा गया था, फिर 19 अप्रैल को अंतिम चेतावनी दी गई थी जिसकी समय-सीमा 24 अप्रैल थी। लेकिन अब तक विवि प्रशासन से कोई ठोस जवाब नहीं आया। इसलिए सेना ने अब सीधा और कड़ा रुख अपनाते हुए ब्लैकलिस्ट की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
राज्यपाल और UGC से कार्रवाई की मांग
एनसीसी की शिकायत में राज्यपाल और UGC चेयरमैन से आग्रह किया गया है कि रादुवि की NAAC ए ग्रेडिंग वापस ली जाए, और विवि की मान्यता व फंडिंग पर पुनर्विचार हो। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश की गई है।
छात्रों के भविष्य पर संकट
एनसीसी का कहना है कि विवि का यह ढुलमुल रवैया सिर्फ प्रबंधन की विफलता नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य और देश की रक्षा नीति के साथ भी एक बड़ा खिलवाड़ है।